नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका वेल हेल्ड ऑर्गेनिक की आज की एक नई पोस्ट में आज की इस आर्टिकल में हम आपके द्वारा एक सवाल का जवाब देने आए हैं जो wellhealthorganic.com ayurvedic health tips है।
आज के इस आर्टिकल में हम आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधित टिप्स बताने जा रहे हैं तथा इससे जुड़ी सभी प्रश्न और उत्तर का भी ध्यान देंगे।
इस आर्टिकल के द्वारा हम वह सभी हेल्थ टिप्स के बारे में जानेंगे जो आयुर्वेद से संबंधित है।
तो आइए शुरुआत करते हैं इस आर्टिकल की आयुर्वेद से संबंधित कुछ स्वास्थ्य संबंधित जानकारी को प्राप्त करके
आयुर्वेद क्या है? और क्यों है?
देखिए आयुर्वेद एक स्वास्थ्य संबंधित उपचार है जो प्राकृतिक रूप से निर्मित किया जाता है,और इसे हम उन सभी समस्याओं को ठीक कर सकते हैं जो एक आयुर्वेदिक के द्वारा किया जा सकता है।
आजकल के जमाने में जहां हम अंग्रेजी दवाइयां का इस्तेमाल केवल बीमारी की दशा ठीक करने तेरी होती है वहीं पर आयुर्वेद हमारी बीमारियों को जड़ से पकड़ता है और उसे एकदम नष्ट कर देता है।
ताकि वह फिर से बीमारी हमारे शरीर के अंदर ना हो आयुर्वेद में कुछ ऐसे पदार्थ का मिश्रण होता है जो हमारे शरीर की ग्रोथ के लिए उत्तरदाई होता है,और सबसे बड़ी बात आयुर्वेद का सेवन करने से शुद्ध रूप से आयुर्वेद का सेवन करने से हमें बहुत सारी बीमारियों से बचने का मौका मिल जाता है।
इसके अलावा हम यह जानते हैं कि आयुर्वेद पदार्थ से हमारा शरीर का बीमारी तो खत्म होता ही है परंतु आयुर्वेद के कई अन्य तरीके से भी हम अपने शरीर की बीमारियों को ठीक कर सकते हैं,इसके बारे में हम आने वाले आर्टिकल के अंदर पढ़ेंगे।
wellhealthorganic.com ayurvedic health tips
आईए जानते हैं अब 7 आयुर्वेदिक युक्तियां
आजकल हम लोग दिन प्रतिदिन चिंता और डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे हैं इसके अलावा हमारे निजी दिनचर्या में स्वास्थ्य भोजन नहीं मिल पा रहा है,या हम सेवन नहीं करना चाहते इसके अलावा आजकल बच्चों से लेकिन युवावस्था तक के लोगों को अनिद्रा वाली समस्याएं हो रही है,अध्ययन प्रतिदिन हृदय कितने लवर से संबंधित बीमारियां बढ़ती जा रही हैं ऐसे में क्या हम आयुर्वेद टिप्स जानकर अपने स्वास्थ्य का देखभाल कर सकते हैं,और इन सभी बीमारियों से बच सकते हैं तू उत्तर है हां हमारे अंदर आयुर्वेद टिप्स का फॉलो करके इन सभी बीमारियों से लड़ने का क्षमता मिलता है।
1 अनुकूलक
बढ़ती उम्र के साथ मनुष्य के भी शरीर के भीतर हार्मोनल परिवर्तन होना स्वाभाविक है ऐसे में शरीर में हार्मोन परिवर्तन के शासक हमारे शरीर में बहुत सारे बदलाव भी होते हैं,जैसे चेहरे पर दाने निकल आना चेहरे पर बाल निकालना या मासिक धर्म से संबंधित अनेक समस्याएं होना।
आयुर्वेद में एडेप्टोजेंस का उपयोग करके हम ओवुलेशन चक्र में सुधार कर सकते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर के आंतरिक और बाहरी बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है) मजबूत कर सकते हैं।
एडाप्टिव जींस या अडॉप्टोजेनिक एक प्राकृतिक आयुर्वेदिक पदार्थ है जम्मू के रूप से हमारे शरीर में तनाव प्रतिक्रिया प्रणाली को सुरक्षा देने में मदद करती है इसके अलावा कुछ पेड़ पौधे या पत्तियां भी हमारे शरीर में यही काम करती हैं जैसे तुलसी का पेड़ या पत्ता, Ashwagandha, मुलेठी, गुलाब की पंखुड़ियां, घृतकुमारी और एलोवेरा इत्यादि।
2 खाने का तरीका
यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो जंक फूड और ऑयल फूड अपने मां के हिसाब से या किसी भी प्रकार का भोजन पदार्थ अपने इच्छा के अनुसार से लेते हैं तो रुक जाइए आयुर्वेद के अनुसार हमें तीखा मीठा कड़वा और नमकीन जैसे स्वागत को एक निश्चित अनुपात में सेवन करना चाहिए इन सभी पदार्थों में अलग-अलग गर्मी के तासीर होते हैं।
इसे हम प्राचीन विज्ञान की भाषा में विरोधाहार कहते हैं एक आर्टिकल और रिसर्च के अनुसार यदि हमारा खान-पान सही नहीं है तुझे हमारे शरीर के नए उत्तक के निर्माण में और पुरानी ऊतक या कोशिकाओं के मरम्मत में या फिर मृत्यु कोशिकाओं को हटाने में दुविधा पहुंचना है इसलिए यदि हमें शरीर का निरंतर ग्रोथ चाहिए तो हमें आयुर्वेद का पालन करना ही होगा।
3 भोजन का भंडारण
आयुर्वेद के अनुसार हमें उतना ही भोजन का भंडारण करना चाहिए जितना हम खा सके अर्थात यदि हम रोजाना का खाना बनाते हैं तो हमें केवल उसे टाइम का खाना खाने तक का ही भोजन बनाना चाहिए एक्स्ट्रा खाना बचाने पर आजकल के लोग फ्रिज में एक-दो दिन के लिए रख लेते हैं।
आयुर्वेद इसे स्वीकार नहीं करता और आयुर्वेद जाता है कि भोजन बने हुए भोजन को तुरंत ही सेवन कर लेना चाहिए इससे हमारा शरीर चमकता है और हम तंदुरुस्त होते हैं और यदि हम बासी भोजन का सेवन करते हैं तो इसमें उपस्थित चमक और पोषक तत्व हम खो देते हैं।
याद रहे कि इन छोटे-छोटे परिवर्तन से ही हमारे शरीर का ओवरऑल ग्रोथ निश्चित है।
4 भोजन का समय
आजकल के दौर में हम भोजन करते हैं जब हमें भूख लगती है ऐसी स्थिति में हमारा समय निश्चित नहीं होता है हम आगे पीछे भोजन करते हैं परंतु आयुर्वेद के अनुसार यदि हम शाम के 7:00 बजे भोजन करते हैं,तो जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर होता है क्योंकि इस समय हमारा पाचक रस एकदम चरम सीमा पर होता है।
अर्थात हमारे शरीर की पंच अग्नि या पाचन तांत्रिक से निकलने वाला रस का स्त्राव अधिक होता है जो भोजन को पचाने में सर्वाधिक मदद करता है,और यह भोजन को टुकड़े में तोड़कर इससे निकलने वाली एनर्जी को अवशोषित करता है आधार प्रोटीन को तोड़कर एनर्जी बनाता है।
5 अनिद्रा
आजकल के बच्चों से लेकर युवावस्था में अनिद्रा एक ऐसी गंभीर समस्या बन गई है जिसके बारे में कोई बात नहीं करता है और यह अनीता बहुत सारे कर्म की वजह से आ सकती है सर्वप्रथम जो भी व्यक्तियों का तनाव या चिंता रहता है उसकी वजह से अनिद्रा की समस्या होती है,तथा यदि आप जाते समय तक फोन देखते रहते हैं तो ऐसे में भी आप अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं।
अनिद्रा से बचने के लिए आपको चिंता और डिप्रेशन से दूर रहना होगा स्वास्थ्य भोजन का सेवन करना होगा जंक फूड या तेलिय चीज नहीं इस्तेमाल करना होगा और अपने आप को प्रश्न और खुश रखना होगा।
आयुर्वेद के अनुसार एक स्वस्थ मनुष्य को लगभग 6 से 8 घंटे की नींद आवश्यक होती है और यदि हम इतना नींद लेते हैं तो ठीक है अन्यथा अनिद्रा हमारे शरीर में अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न कर सकती हैं।
6 त्वचा स्वस्थ
आजकल के व्यक्ति अपने त्वचा को ग्लोइंग और नेचुरल पाने के लिए अनेक प्रकार के क्रीम या प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में कुछ लोगों को इसका फायदा मिलता भी है परंतु कुछ लोगों को स्क्वायर नुकसान भी झेलना पड़ता है और यदि फायदा भी मिलता है,तो कुछ ही देर तक यह फायदा दिखता है उसके बाद फिर नॉर्मल हो जाता है।
ऐसे में यदि हम अपनी त्वचा को नेचुरल रूप से बेहतर बनाना चाहते हैं तो केवल आयुर्वेद ही हमारा सहायता कर सकता है आयुर्वेद के अनुसार हम अपनी त्वचा को हल्दी, एलोवेरा, मुल्तानी मिट्टी, बेसन आदि अनेक चीजों के मिश्रण को एक गोल के रूप में तैयार करना होता है और इसे अपने चेहरे पर लगाना होता है उसके बाद इसे ढोले ना होता है यह हमारी त्वचा को नेचुरल रूप से ग्लो लाने में और बेहतर बनाने में मदद करता है।
यदि आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो उसके बारे में हम एक आर्टिकल लिखे हैं जिसका लिंक हम नीचे दे रहे हैं।
wellhealthorganic.com skin tips in Hindi
7 चिंता और तनाव (wellhealthorganic.com ayurvedic health tips)
चिंता और तनाव केवल हमारे स्वास्थ्य को ही निशान नहीं पहुंचता परंतु यह हमारे चेहरे की रंगत चमक और त्वचा को भी नुकसान पहुंचता है इसके अलावा अनिद्रा की समस्या भी चिंता और तनाव से होती है।
और यदि कोई व्यक्ति ज्यादा चिंता या तनाव करता है तो इस ऐसी स्थिति में उनका हार्ट अटैक या ब्रेन हेमरेज होने की समस्या बढ़ जाती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि तुलसी का पेट का प्रतिदिन से मन करने से हमें चिंता और तनाव से धीरे-धीरे करके राहत मिलने लगते हैं और यह हमारे पेट के लिए भी बेहतर होता है।